Wednesday 6 March 2019

वायु में किसी वस्तु की स्थिति पता करने के लिए राडार जबकि समुद्र में वस्तु की स्थिति पता करने के लिए सोनार का प्रयोग किया जाता है। ऐसा क्यों?

राडार रेडियो की तरंगो से काम करता है। रेडियो की तरंगों को वायु में भेजते हैं और अगर किसी चीज से टकराकर वापस आ गयी तो उस चीज का अकार मालुम पड़ जाता है।



राडार माइक्रोवेव की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है।  माइक्रोवेव की फ्रीक्वेंसी 300 GHz – 300 MHz होती है और इसकी तरंग दैर्ध्य १ मीटर से १ मिलीमीटर तक की होती है।
पानी में इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते: ऐसा इसलिए है क्योंकि पानी में इन तरंगो का अवशोषण हो जाता है। इसकी तरंग दैर्ध्य है जो पानी में बहुत आसानी से अवशोषित हो जाती हैं। सोनार ध्वनि के तरंगो से चलता है और इसका पानी के अंदर अवशोषण नहीं होता।
यही वजह है की राडार का प्रयोग पानी में नहीं सकते।

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