ये पानी की विशेषता है कि उसका अधिकतम घनत्व 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर मिलता है। ऐसा पानी के मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर के कारण होता है। इसे समझने से पहले जिन्हें नही पता उनके लिए थोड़ा सा बेसिक समझ लेते है। जिन्हें नही पता घनत्व क्या होता है तो यह किसी भी पदार्थ के द्रव्यमान और उसके आयतन का अनुपात है। कम घनत्व वाले पदार्थ ज्यादा घनत्व वाले पदार्थ के ऊपर तैरते है क्योंकि वह उनसे हल्के होते है।
अब जरा नीचे दिए चित्र को देखिये -
इस चित्र में आप देख सकते है कि गर्म पानी, ठन्डे पानी से कम घनत्व का होने के कारण ऊपर तैरता है। ऐसा सभी पदार्थो के साथ होता है क्योकि गर्मी के साथ मोलेक्युल्स दूर जाने लगते है जिससे वह पदार्थ हल्का हो जाता है। साथ ही ठंड के साथ मॉलिक्यूल पास आते है और घनत्व बढ़ जाता है।
लेकिन पानी के साथ हमे एक बहुत अजीब पैटर्न देखने को मिलता है। ठंडा पानी, गर्म पानी से तो ज्यादा भारी होता है लेकिन उसे और ठंडा करने पर (बर्फ) वह गर्म पानी पर तैरने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि तापमान ठीक ४ डिग्री से कम करने पर पानी का घनत्व अचानक से घटता है।
ये पानी की एक बहुत जरूरी विशेषता है। यदि ऐसा नहीं होता तो समुद्र में बर्फ नीचे से जमना शुरू करती और सारे जीव मरने लगते।
पानी का ये अजीब ब्यवहार उसके मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर के कारण होता है और इसे आप आसानी से समझ सकते है। हमे बस ध्यान देना की बर्फ का मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर कैसा होता है। इसे आप नीचे चित्र में देख सकते है
जैसा की आप देख सकते बर्फ के स्ट्रक्चर में मोलेक्युल्स के बीच बहुत सारा खाली स्पेस होता है। जब मॉलिक्यूल इतनी दूरी पर सेट होंगे जो जाहिर सी बात है। इससे बर्फ भी हल्की होगी। अब जब हम बर्फ को गर्म करना शुरू करते है तो इससे मोलेक्यूलर स्ट्रक्चर टूट जाता है। हम जानते है पानी के मॉलिक्यूल एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते है इसलिए जैसे ही मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर टूटता है। सारे मोलेक्यूल एक दूसरे के पास आने लगते है। जब मॉलिक्यूल पास पास होंगे तो इससे पानी का घनत्व भी बढ़ेगा क्योकि उसका द्रवमान तो समान है लेकिन आयतन कम हो गया।
लेकिन ये मॉलिक्यूल कुछ देर तक ही साथ रह पाते है क्योकि जैसे - जैसे तापमान बढ़ता जाता है उनकी गतिज ऊर्जा भी बढ़ती जाती है। जब तापमान ४ डिग्री पार करता है तो मोलेक्युल्स में इतनी गतिज ऊर्जा हो जाती है की उन्हें आकर्षण बल उन्हें रोक नहीं पाता, जिससे मोलेक्युल्स दूर जाने लगते है। इससे उनका घनत्व कम होने लगेगा क्योकि आयतन बढ़ गया है।
मुझे उम्मीद है आपको समझ आया होगा। यह उष्मागतिकी (Thermodynamics) के पियूर सस्टेन्ट्स विषय का हिस्सा है
यार आप हद करते हो।
ReplyDeleteजब 0०c पर वह already पानी है तो उसके अणु पहले ही पास आ चुके है ना।
जब यह बात 0०c की हो रही है तो जब बर्फ 0०c पर पूरी तरह से पानी बनेगी तभी तो उसका तापमान बड़ना शुरू होगा ना।