इसका कारण ध्वनि या आवाज की परिभाषा में ही छुपा है। परिभाषा के अनुसार ध्वनि कुछ नही सिर्फ वाइब्रेशन है जो किसी माध्यम जैसे हवा या गेस में उत्पन्न होता है।
जैसा कि हमें पता है, सर्दियों के मौसम में हवा काफी ठंडी हो जाती है। ठंडी हवा का घनत्व हमेसा गर्म हवा से ज्यादा होता है। इसलिए ठंड के मौसम में जमीन पर हवा के कण काफी पास पास होते है।
ऐसे में जब कोई आवाज हम निकालते है। तो वह ज्यादा कणों में वाइब्रेट होते हुए चलता है। जिससे एक कण का वाइब्रेशन खत्म होने से पहले ही किसी दूसरे कण तक पहुँच जाता है। इस तरह ज्यादा घनत्व में आवाज ज्यादा दूर तक जाती है।
लेकिन जानने वाली बात यह भी की ये कण काफी पास होने के कारण ध्वनि को दूर तक तो ले जाते है लेकिन उसकी गति को कम भी कर देते है अथार्त इस स्तिथि में आवाज धीमी गति से चलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक निर्धारित दूरी के लिए ध्वनि को अब पहले से ज्यादा कणों में बारी बारी से वाइब्रेट होना पड़ता है।
इसलिए सर्दियों में आवाज दूर तक जाती है लेकिन धीमी गति से। गर्मियों में कम दूरी तक जाती है लेकिन तेज गति से।
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