Monday, 4 March 2019

क्या उगता सूर्य सकारात्मकता की रौशनी फ़ैलाता है? अगर हाँ तो पैराबैंगिनी किरणें (U.V Rays) किस प्रकार से हानिकारक है?

गता हुआ सूरज सकारात्मक रोशनी देता है और उस समय UV रेडिएशन का कोई प्रभाव नही पड़ता है। यह सिर्फ एक मिथक है। असल में UV रेडिएशन का प्रभाव सूर्योदय के साथ हमेसा ही होता है। बस अन्तर इतना सा है कि सुबह इसका प्रभाव कम रहता है। जो दिन में समय के साथ बढ़ता फिर घटता है।

दूसरी बात ये की कई बार लोग UV रेडिएशन को धूप से जोड़कर चलते है। उन्हें लगता है कि धूप ही है जो हमारे शरीर पर प्रभाव डालती है। जबकि ऐसा नही है प्रभाव सिर्फ रेडिएशन डालता है जिसका अर्थ धूप नही है अर्थात यदि आप सोचते है कि सूर्य बादलों में छिप गया है और मौसम सुहाना हो गया है तो आप UV रेडिएशन के प्रभाव में नही आ रहे है तो आप बिलकुल गलत है। उस स्तिथि में भी वह आपके त्वचा पर बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए दिन में ज्यादा समय बाहर बिताने से बचना चाहिए। विटामिन D का भी कोई फायदा २ घण्टे से ज्यादा समय बिताने पर नहीं है।
UV रेडिएशन का प्रभाव
UV रेडिएशन का प्रभाव उसके प्रकार पर निर्भर करता है। [2] कुल तीन प्रकार के UV रेडिएशन होते है। UVA, UVB और UVC। इनमें से UVC रेडिएशन सबसे खतरनाक है जो ओज़ोन लेयर के द्वारा सोख लिया जाता है। इसलिए धरती पर सिर्फ A और B टाइप रेडिएशन आते है। UVB टाइप रेडिएशन के कारण सनबर्न हो सकता है। इसके कारण त्वचा का डीएनए सेल खराब हो जाता है। UVA टाइप इससे भी खराब है क्योकि यह शरीर मे गहराई तक प्रभाव डालता है। इसके लंबे समय तक प्रभाव से त्वचिये केंसर हो सकता है। इसलिए ज्यादा समय बाहर धूप में बिताने से बचे।

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