प्रकाश खुद भी एक तरंग ही होता है। हम कह सकते है कि प्रकाश कणों और तरंग से मिलकर बना है। इसका मतलब है कि प्रकाश के जो कण (फोटॉन) होते है वो तरंगों के रूप में चलते है।
देखिये तरंगे दो प्रकार की होती है -
Electromagnetic Waves (विद्युतचुम्बकीय तरंगे) - विद्युतचुम्बकीय तरंगों को चलने के लिए किसी भी प्रकार के माध्यम की आवश्यकता नही होती है। इसमें विधुत और चुम्बकीय फील्ड लगातार लम्बत दिशा में बदलतीं है। जैसे प्रकाश, X ray, गामा ray और रेडियो तरंगे।
Mechanical waves (यान्त्रिक तरंगे) - यांत्रिक तरंगे वो तरंगे होती है जिन्हें माध्यम की आवश्यकता होती है। इस तरह की तरंगें माध्यम में बल लगाने पर उत्पन्न होती है। जैसे आप जब तालाब में पत्थर मारकर एक तरंग पैदा करते हो वैसे ही आवाज करते समय हवा में बल लगाकर आवाज को तरंगों के रूप में एक जगह से दूसरी जगह भेजते हो।
चलिये ये परिभाषाएं तो आपको किताबों में भी मिल जाएगी लेकिन जवाब तो अभी भी नही मिला कि “विद्युतचुम्बकीय तरंगे को माध्यम की आवश्यकता क्यों नही है?” या ऐसा क्यों होता है कि “अंतरिक्ष में प्रकाश तो चल सकता है लेकिन आवाज़ नही चल सकती जबकि तरंगे तो दोनों है?”
देखिये क्वांटम फील्ड थ्योरी के सिद्ध होने से पहले समझा जाता था कि ब्रह्मांड में चारों ओर एक ईथर(Luminiferous_aether) है जो प्रकाश के चलने के लिए माध्यम का काम करता है लेकिन बाद में ये गलत साबित हो गया। लेकिन फिर विद्युतचुम्बकीय तरंगे कैसे चलती है। इसका जवाब क्वांटम फील्ड थ्योरी में ही है। जिसके अनुसार हमारे चारों ओर काफी सारी फील्ड फैली हुई हैं। इसमे से कुछ कण (इलेक्ट्रान)होते है जो विद्युत फील्ड बनाते है और कुछ कण चुम्बकीय फील्ड बनाते है। यही दो फील्ड, विद्युतचुम्बकीय तरंगों के चलने के लिए माध्यम की तरह कार्य करती है। क्वांटम फील्ड हर जगह है जहाँ वैक्यूम है वहाँ भी। तो प्रकाश (विद्युतचुम्बकीय तरंग) इन फील्ड का उपयोग करके वैक्यूम या बिना माध्यम के भी चलता है।
फुटनोट
No comments:
Post a Comment