ये एक बहुत अच्छा प्रश्न है और अक्सर लोगो के दिमाग में आता है। जो लोग ब्रह्माण्ड के विस्तार को गलत समझते है या गलत ठहराना चाहते है। वह अक्सर इस प्रश्न के साथ अपना पक्ष रखते है। लेकिन ये प्रश्न जितना कठिन लगता है इसका जवाब उतना कठिन है नही।
हम जानते है कि हमारा ब्रह्माण्ड बहुत तेज़ी से फैलता है और सारी निहारिकायें एक दूसरे से दूर जा रही है। लेकिन यदि ब्रह्माण्ड फैलता है तो सिर्फ आकाशगंगाये (Galaxies) ही दूर क्यों जाती है और उन आकाशगंगाओं के अंदर इस फैलाव का कोई प्रभाव क्यों नही पड़ता।
इसका कारण है आकाशगंगाओं में बहुत सारा मेटर एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा फैलाव का प्रभाव कम घनत्व वाले इलाके में सबसे ज्यादा पड़ता है। इसे इस तरह समझना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए प्रकिया को समझने के लिए एक एनालोगी प्रसिद्ध है। जिसे Raisin Bread Analogy कहते है।
इसके अनुसार मान लीजिये आपको केक या ब्रेड बनानी है। आप क्या करेंगे। आप अपना केक या ब्रेड मिक्स बनाएंगे। मिक्स में आप जो जो चीजे डाली जाती है उसे मिलाएंगे। मुझे नही पता क्या मिलाया जाता है। लेकिन आप मिक्स तैयार कर लेंगे। उसके बाद मान लीजिये आप केक या ब्रेड में चोको चिप या छोटी छोटी चेरी मिलाते है।
इसके बाद मिक्स को ओवन में पकने के लिए रखते है। जब वह पक जाता है।
हम जानते है कि हमारा ब्रह्माण्ड बहुत तेज़ी से फैलता है और सारी निहारिकायें एक दूसरे से दूर जा रही है। लेकिन यदि ब्रह्माण्ड फैलता है तो सिर्फ आकाशगंगाये (Galaxies) ही दूर क्यों जाती है और उन आकाशगंगाओं के अंदर इस फैलाव का कोई प्रभाव क्यों नही पड़ता।
इसका कारण है आकाशगंगाओं में बहुत सारा मेटर एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा फैलाव का प्रभाव कम घनत्व वाले इलाके में सबसे ज्यादा पड़ता है। इसे इस तरह समझना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए प्रकिया को समझने के लिए एक एनालोगी प्रसिद्ध है। जिसे Raisin Bread Analogy कहते है।
इसके अनुसार मान लीजिये आपको केक या ब्रेड बनानी है। आप क्या करेंगे। आप अपना केक या ब्रेड मिक्स बनाएंगे। मिक्स में आप जो जो चीजे डाली जाती है उसे मिलाएंगे। मुझे नही पता क्या मिलाया जाता है। लेकिन आप मिक्स तैयार कर लेंगे। उसके बाद मान लीजिये आप केक या ब्रेड में चोको चिप या छोटी छोटी चेरी मिलाते है।
इसके बाद मिक्स को ओवन में पकने के लिए रखते है। जब वह पक जाता है।
तब आप देखते है कि पूरा केक या ब्रेड फैल गया। हमारी चोको चिप या चेरीओ के बीच की दूरी भी बढ़ गयी। लेकिन उनके आकार में कोई अंतर नही आया। ब्रह्माण्ड का फैलाव भी ऐसे ही होता है। आकाशगंगायें दूर जाती है लेकिन उनके सघन मैटर के कारण उनके अंदर फैलाव का कोई प्रभाव नही पड़ता।
फुटनोट
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