Tuesday, 28 April 2020

Awesome Particle Physics Facts In Hindi

इंसानी दिमाग अपनी बुद्धि के जरिए बहुत कुछ खोज कर निकाल सकता है। प्राचीन काल से ले कर आज तक वह अपने बुद्धि-कौशल के जरिए तरह-तरह के अत्याधुनिक तकनीक विकसित कर चुका है। इंसानी सभ्यता को सफलता के इस शिखर तक पहुंचाने में विज्ञान का बहुत बड़ा हाथ रहा है। खैर एक पेड़ की तरह ही विज्ञान के कई सारी शाखाएँ हैं और उन शाखाओं मे से कुछ शाखाओं के बारे में मैंने पहले ही आपको बता दिया है। पर आज हम लोग विज्ञान की एक खास शाखा पर प्रकाश डालेंगे! जी हाँ , आज हम लोग कण-भौतिक विज्ञान (particle physics facts in hindi) के बारे में बहुत दिलचस्प बातों को जानेंगे।



Capturing The Human Civilization In a Spoon.
पूरे इंसानी सभ्यता को कैद किया जा सकता है एक चम्मच के अंदर | Credit : Medium.

मित्रों! आगे बढ्ने से पहले एक महत्वपूर्ण बात को आप सभी लोगों को बता दूँ। मैंने हाल ही में खगोलीय-भौतिक विज्ञान से जुड़े एक बहुत ही रोचक और अद्भुत लेख लिखा है। आप चाहें तो उसे एक बार जरूर ही देख सकते हैं , क्योंकि वह लेख आपको जरूर ही पसंद आएगा।
कण-भौतिक विज्ञान (particle physics facts in hindi) पर आधारित इस लेख में हम लोग इसके संज्ञा (Definition) से लेकर इस से जुड़ी कुछ बहुत ही अद्भुत बातों को जानेंगे। मैं इस लेख में आपको सबसे पहले इस विषय से जुड़ी कुछ मूलभूत बातों के बारे में बताऊंगा, जिससे आप सभी लोगों को विषय को समझने में और भी ज्यादा मदद मिल जाएगी।
तो, चलिए अब इस लेख में आगे कण-भौतिक विज्ञान (particle physics facts in hindi) से जुड़ी बहुत सारे हैरान कर देने वाली बातों को जानते है।
कण-भौतिक विज्ञान किसे कहते हैं ? – Definition Of Particle Physics In Hindi :-
जैसा की मैंने पिछले कई सारे लेखों के अंदर कहा है, ज़्यादातर लोगों को किसी भी विषय के बारे में बहुत कुछ बातें पता होता है परंतु बिडंवना की बात यह है की कई लोगों को उस विषय से जुड़ी मूलभूत बातों के बारे में कुछ पता ही नहीं होता है। इसी कारण के लिए हम लोग सबसे पहले कण-भौतिक विज्ञान (particle physics facts in hindi) से जुड़ी मूलभूत बातों को बारे में जानेंगे। मैंने आगे कण-भौतिक विज्ञान की संज्ञा के बारे में जिक्र किया हैं , तो आगे लेख को ध्यान से पढ़ते रहिएगा।
कण-भौतिक विज्ञान भौतिक विज्ञान की एक प्रमुख शाखा हैजो की पदार्थों और विकिरण के सिद्धांतों के जरिए को हमें प्रकृति को और भी बेहतर ढंग से समझने में मदद करता हैं “।
खैर यहाँ पर कण का पदार्थों के अंदर मौजूद मौलिक और सबसे छोटे कणिकाओं को कहा जा रहा हैं | वैसे तो आपको हर तरफ बहुत प्रकार के छोटे-छोटे कणिका देखने को मिल जाएंगे , परंतु यहाँ पर क्वांटम फील्ड (Quantum Field) में मौजूद मौलिक कणिकाओं के अंदर आकर्षण और विकर्षण के प्रक्रियाओं के बारे में भी कहा जा रहा हैं |
कण- भौतिक (particle physics facts in hindi) विज्ञान को बहुत ही रोचक तरीके से समझने के लिए स्टेंडर्ड मोडेल की मदद ली जाती हैं |

कण-भौतिक विज्ञान से जुड़ी अद्भुत बातें – Awesome Particle Physics Facts In Hindi :-

जैसा की मैंने लेख के प्रारंभिक भाग में कहा था की , आज हम लोग कण-भौतिक विज्ञान (particle physics facts in hindi) से जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में जानेंगे | तो , चलिए कण-भौतिक विज्ञान से जुड़ी रोचक बातों को जानते हैं |

1. पूरी इंसानी सभ्यता को कैद किया जा सकता है सिर्फ एक चम्मच के अंदर :-

शीर्षक पढ़ कर हैरानी हुई ? अवश्य ही हुई होगी | खैर आगे मेँ जो कहने जा रहा हूँ उसे थोड़ा गौर से पढ़िएगा | वर्तमान पृथ्वी पर लगभग 7 अरब से ज्यादा लोग रह रहे हैं | हर एक इंसानी शरीर कई सारे मौलिक कणिकाओं से बनी परमाणुओं से बनी हुई है। मेँ आपको यहाँ बता दूँ की हर एक परमाणु के अंदर मौजूद 99.999999999% हिस्सा पूर्ण रूप से शून्य यानी खाली होता है।
तो , अगर हम 7 अरब लोगों के अंदर मौजूद हर एक परमाणु को बिना किसी शून्य स्थान छोड़े एक ही जगह पर दबाव डाल कर एक कर दें तो यह सभी परमाणु एक छोटे से चम्मच के अंदर आ जाएंगे | जी हाँ ! कहाँ 7 अरब लोग और कहाँ एक छोटी सी चम्मच ! हैं न बहुत ही अद्भुत।
खैर आपको मेँ यहाँ और भी बता दूँ की जब हम 7 अरब लोगों के अंदर मौजूद हर एक परमाणु को एक छोटे से चम्मच के अंदर डाल देंगे तो उस चम्मच का वजन 5 अरब टन से भी ज्यादा हो जाएगा।

2. भविष्य बदल सकता है अतीत को ! :-

सुनकर झटका लगा ! लगेगा ही | क्योंकि यह बात हर एक इंसानी दिमाग से परे हैं | ज़्यादातर आपने सुना होगा की अतीत या वर्तमान हमारे भविष्य को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं | परंतु कण-भौतिक विज्ञान में (particle physics facts in hindi) यह बात पूरी की पूरी सत्य नहीं हैं |



Future can effect past.
भविष्य बदल सकता है अतीत को | Credit : Truth Revolution.

कण-भौतिक विज्ञान (particle physics facts in hindi) करिश्मों से भरी हुई हैं | यहाँ भविष्य अतीत को बदल डालता हैं | जी हाँ ! डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट में यह पता चला है की, प्रकाश कण और तरंग दोनों ही रूप में गति करता हैं | इसी कारण के वजह से कई जगह पर यह अपने पीछे के कणिका को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता हैं |
तो , जब प्रकाश में यह गुण दिखाई पड़ता हैं तब यह दूसरे पदार्थों के अंदर दिखाई पड़ना स्वाभाविक हैं |

3. इस लेख को मेँ अनंत बार लिख रहा हूँ और आप अनंत बार पढ़ रहें हैं ! :-

अब मेँ यहाँ पर जो कहूँगा उसे सुनकर आपका दिमाग जरूर ही भौं-चक्का रह जाएगा | सुनिए , हमारे ब्रह्मांड के ही तरह कई अरबों दूसरे ब्रह्मांड मौजूद हैं | हर एक ब्रह्मांड लगभग एक सामन ही हैं और हर एक ब्रह्मांड में होने वाला कोई भी घटना कभी खत्म या आरंभ नहीं होता , यह केवल एक चक्र की ही तरह अनंत काल तक चलता ही रहता हैं |
तो , इसी हिसाब से अनंत काल तक मेँ यह लेख लिखता ही रहूँगा और आप इस लेख को पढ़ते ही रहेंगे |
कण-भौतिक विज्ञान से (particle physics facts in hindi) जूडी इतने रोचक बातों को जान कर आपको कैसा लग रहा हैं | क्या आप लोगों ने कभी इसके बारे में सोचा था ? जरूर ही कॉमेंट में बताइएगा |

 4. ब्लैक होल काले नहीं होते हैं ! :-

मैंने अक्सर लोगों को ब्लैक होल को काला बोलते हुए देखा है।  परंतु यह बात पूर्ण रूप से सत्य नहीं है।  हालांकि ब्लैक होल अंधकार से हमेशा ही घिरा हुआ होता है , परंतु इसका मतलब यह नहीं है की वह काला हैं | शोधो से पता चला है की कुछ ब्लैक होल प्रकाश के किरणें भी छोड़ते है।

5. आप जितनी तेजी से आगे बढ़ेंगे आपका वजन भी उनी ही तेजी से बढ़ेगा :-

ब्रह्मांड मूल रूप से कुछ मौलिक सिद्धांतों के ऊपर कार्य करता है। दोस्तों ! सापेक्षता के सिद्धांतों के हिसाब से ब्रह्मांड में अब तक प्रकाश के तेजी से ज्यादा कोई भी वस्तु गति नहीं कर पाया है। हमारे ब्रह्मांड में प्रकाश की गति किसी भी भौतिक पदार्थ या कणिका के लिए सर्वाधिक हैं , न तो कोई कणिका और न ही कोई भी वस्तु प्रकाश के तेजी से ज्यादा तेजी से गति कर सकता है।
परंतु यहाँ पर और एक बात पर गौर करना चाहिए | अगर कोई कणिका (Particle) मान लीजिए प्रकाश के गति के आसपास ब्रह्मांड में आगे बढ़ रहा हैं और हम लोग अगर उसी समय उस कणिका के ऊपर किसी भी प्रकार का ऊर्जा प्रदान करते हैं , तब आमतौर पर उस कणिका का वेग बाहरी ऊर्जा के कारण बढ़ जाना चाहिए> परंतु ऐसा नहीं होता , हमारे द्वारा उस कणिका के ऊपर दिया गया ऊर्जा वजन के तौर पर परिवर्तित हो जाता हैं , क्योंकि प्रकाश का वेग सबसे ज्यादा है>
इस क्षेत्र में जितना उस कणिका का वेग बढ़ेगा उसी हिसाब से उसका वजन भी बढ़ता जाएगा |
Sources :- www.telegraph.co.uk , www.cern.science.com.

विज्ञान के आश्चर्यजनक तथ्य | Amazing Science Facts in Hindi



1. एक खोज से पाया गया है की ज्यादातर लोग वहीं करतें हैं। जो उन्हें ना करने को कहा जाता है। और इसमें छोटे बच्चें सबसे आगें है।

2. हर 2000 बच्चो में से एक बच्चा दांत के साथ जन्म लेता है।

3. पृथ्वी पर हर साल करीब 1 मिलियन भूकंप आते है।

4. सूअर की कामोत्तेजना करीब 30 मिनट तक रहती है।

5. यदि पेट में स्पर्शक ना होते तो पेट स्वयं को ही पचा लेता है।

6. अब तक का सबसे भारी हैलस्टोन (ओला) बांग्लादेश में 1986 में गीरा था, जो पुरे 1 किलो का था।

7. अन्त: प्रजनन के कारण 10 में से 3 कुत्ते सुन नही पाते।

8. हर सेकंड में तकरीबन 100 बार बिजलियाँ पृथ्वी से टकराती है।

9. सूर्य प्रकाश को सूर्य से धरती पर आने के लिये 8 मिनट 20 सेकंड लगते है।

10. 12 अक्टूबर 1999 को “दी डे ऑफ़ सिक्स बिलियन” यूनाइटेड नेशन के प्रोजेक्शन के आधार पर रखा गया।

11. दुनिया में जन्मे सभी लोगो में केवल 10% लोग ही इस समय जिन्दा है।

12. हर साल बिजली से 1000 लोंगों की मृत्यु होती है।

13. 1997 में US के वैज्ञानिक ने पहली बार सिंथेटिक ह्यूमन क्रोमोजोम (मानव गुणसूत्र) बनाया था।

14. 1607 में गैलिलियो ने थर्मोमीटर की खोज की थी।

15. 1250 में अंग्रेज इंसान रॉजर बेकन ने मैग्नीफाइंग ग्लास (आवर्धक लैंस) की खोज की।

16. अल्फ्रेड नोबेल ने 1866 में डायनामाइट की खोज की।

17. विल्हेल्म रोंटगेन को फिजिक्स के लिए पहला नोबेल पुरस्कार मिला था क्योंकि उन्होंने 1875 में X-Rays की खोज की थी।

18. दुनिया का सबसे ऊँचा वृक्ष ऑस्ट्रेलियन युकेलिप्टस है और 1872 में उसकी ऊचाई 435 फीट है।

19. क्रिस्चियन बर्नार्ड ने 1967 में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया था और वो मरीज 18 दिन तक जिवित रहा था।

20. बोइंग 747 के पंखे राइट ब्रदर्स की पहली फ्लाइट से बड़ा था।

21. एक इलेक्ट्रिक बाम मछली 650 वोल्ट तक के शॉक का निर्माण कर सकती है।

22. टेलस्टार उपग्रह की लॉन्चिंग के साथ 1962 में वायरलेस कम्युनिकेशन ने लंबी छलांग लगाई थी, यह पहला उपग्रह है जिसकी सहायता से टेलीफोन और टेलीविज़न के लिए सीधा प्रसारण संभव हुआ।

23. प्राचीन वाइन निर्माता 2300 BC के करीब इजीप्त में रहते थे।

24. इबोला वायरस से हर 5 में से 4 मरीजो की मृत्यु होती है।

25. जब 1883 में क्राकाटोआ फूटा था, तो उसकी फ़ोर्स इतनी महान थी की 4,800 किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया में भी उसकी आवाज आई थी।

26. 5 बिलियन वर्षो के बाद सूर्य की उर्जा समाप्त हो जाएगी और वो एक लाल गोला बन कर रह जाएगा।

27. जिराफ 24 घंटों में सिर्फ 20 मिनट ही सोते है। वे 2 घंटे तक भी सो सकते है पर ऐसा बहोत कम देखने को मिलता है।

28. मानव में 46 क्रोमोजोम होते है और क्रे फिश में 200 क्रोमोजोम होते है।

29. मानव शरीर में 60,000 मील लंबी खून की धमनियाँ होती है।

30. एक ब्लड सेल को पुरे शरीर का चक्कर लगाने में 60 सेकंड लगते है।

31. यूटोपिया मंगल ग्रह की सबसे कोमल जगह है।

32. एलेग्जेंडर ग्रैहम बेल की मृत्यु के दिन उन्हें श्रध्दांजलि देने के लिए पुरे US में 1 मिनट के लिए टेलीफोन लाइन बंद कर दी गई थी।

33. हंपबैक व्हेल की सबसे कम फ्रीक्वेंसी सबसे ज्यादा शोर करती है किसी भी जीवित प्राणी से।

34. हंपबैक व्हेल की पुकार 500 मील दूर भी सुनी जा सकती है।

35. वर्ष 2010 में दुनिया के 1/4 वृक्ष प्रभावित हुए।

36. हर मनुष्य अपने जीवन में 40lbs वजन कम करता है।

37. 15 इंच पर स्क्विड की आँख इस प्लेनेट पर सबसे बड़ी होती है।

38. सबसे बड़ी गैलेक्सी में मिलियन, मिलियन तारे होते है।

39. पुरे यूनिवर्स में करीब 100 बिलियन गैलेक्सी है।

40. घाव को तंग करने वाले कीड़े घाव को जल्दी भरते है और गैंग्रीन और दुसरे इन्फेक्शन को फ़ैलने से रोकते है।

41. हाथ मिलाने से जितने कीटाणु / जीवाणु नही फैलते उस से ज्यादा किस (Kiss) करने से फैलते है।

42. अंटार्कटिका का सबसे बड़ा ग्लेशियर अल्म्बेर्ट ग्लेशियर है जो 250 मील लंबा और 40 मील चौड़ा है।

43. बारिश की बुँदे गिरने की गति 18 मीटर प्रति घंटा होती है।

Amazing Science Facts

44. एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में 6000 मिलियन, मिलियन, मिलियन हीमोग्लोबिन के अणु होते है।

45. साल्मोन रिच युक्त कम कोलेस्ट्रोल डाइट लेने से दिल की बिमारियाँ कम होती है।

46. दुनिया का सबसे छोटा कीड़ा तंजानियन पैरासिटिक वास्प है जो एक मक्खी की आँख से भी छोटा है।

47. अगर सूर्य की गोलाई बीच बॉल (Beach Ball) के जितनी हो तो वृहस्पति की गोलाई गोल्फ बॉल के जितनी होगी और पृथ्वी की गोलाई मटर के दाने जितनी होंगी।

48. किसी भी भारी वस्तु को समुद्र की गहराई में पहुचने में करीब 1 घंटा लगता है।

49. पृथ्वी पर जितने इन्सान नही रहते है उससे ज्यादा माइक्रो-ओर्गनिस्म उनके शरीर पर होते है।

50. ग्रे व्हेंल हर वर्ष 12,500 माइल्स दूर आर्कटिक से मेक्सिको जाके वापस आती है।

Saturday, 8 June 2019

Danger avoidance can be genetically encoded for four generations, say biologists

Scientists found that learned behaviors in C. elegans can be conveyed through the germline for multiple generations..



Princeton University researchers have discovered that learned behaviors can be inherited for multiple generations in C. elegans, transmitted from parent to progeny via eggs and sperm cells. The paper detailing this finding, by Rebecca Moore, Rachel Kaletsky and Coleen Murphy, appears in the June 13 issue of the journal Cell.

It's well known that an organism's characteristics are encoded in genes that are passed down from parent to progeny through the eggs and sperm of the germline. The inheritance of some traits is determined exclusively by whether the individual receives the dominant or recessive form of an associated gene from each parent. Other heritable traits are influenced both by genetic makeup and by factors such as nutrition, temperature or environmental stress, which can affect the expression levels of related genes. Features whose inheritance isn't driven exclusively by DNA sequence are termed "epigenetic" (the prefix "epi" means "on top of").

An organism's phenotype can change during its lifetime due to epigenetic mechanisms. For example, in the microscopic roundworm Caenorhabditis elegans, starvation or heat stress prompts animals to adapt to these conditions by varying the expression of multiple genes. At the level of the genome, these changes can be made durable by altering how tightly the DNA that encodes a gene is packed, thereby regulating its accessibility to RNA transcription machinery. Alternatively, cells can engage mechanisms that destroy or sequester protein-coding RNA transcripts. When these modifications are made in germ cells, they can be passed down to future generations in a phenomenon is known as transgenerational epigenetic inheritance. Studies have shown that C. elegans adaptations to starvation and heat stress can be inherited for several generations. Might more complex phenotypes, such as behavioral changes, also be passed down in this way?

"In their natural environment, worms come into contact with many different bacterial species. Some of these are nutritious food sources, while others will infect and kill them," said Murphy, a professor in Princeton's Department of Molecular Biology and the Lewis-Sigler Institute for Integrative Genomics. "Worms are initially attracted to the pathogen Pseudomonas aeruginosa, but upon infection, they learn to avoid it. Otherwise they will die within a few days."

Moore and her colleagues investigated whether C. elegans can convey this learned avoidance behavior to their progeny. They found that when mother worms learned to avoid pathogenic P. aeruginosa, their progeny also knew to avoid the bacteria. The natural attraction of offspring to Pseudomonas was overridden even though they had never previously encountered the pathogen. Remarkably, this inherited aversive behavior lasted for four generations, but in the fifth generation the worms were once again attracted to Pseudomonas. In another surprise, the researchers observed that inheritance of learned avoidance was not universal for all pathogenic bacteria; although mother worms could learn to avoid the pathogenic bacterium Serratia marcescens, which is less abundant than Pseudomonas in C. elegans' environment, this aversion was not passed down to offspring. Intrigued, the researchers set out to explore what controls transmission of P. aeruginosa avoidance behavior across generations.

The authors showed that C. elegans mothers must actually become ill from ingesting P. aeruginosa in order to transmit avoidance to future generations; exposure to odors emitted by the pathogen wasn't sufficient to provoke avoidance. Nonetheless, neuronal sensory pathways are important for inherited avoidance, because avoidance behavior in both mothers and their progeny was associated with upregulated expression of several neuronally-associated genes. Among these, elevated expression of the TGF-β ligand daf -7 in mothers was needed for progeny to inherit pathogen aversion. Moore and her colleagues found that daf-7 expression in a certain type of sensory neuron, ASI neurons, correlated strongly with inherited avoidance behavior.

"The process of inheriting this learned avoidance [also] requires the activity of small RNAs called piRNA," Murphy said. piRNAs have been implicated in other transgenerational epigenetic inheritance pathways in C. elegans, where they're thought to silence gene expression and indirectly regulate DNA packing. The researchers found that the piRNA-associated protein PRG-1, while not necessary for C. elegans mothers to learn avoidance of P. aeruginosa, was required for increased daf-7 expression in progeny, and for their inherited avoidance behavior. Whether piRNAs and PRG-1 operate primarily in the mother, the progeny, or both to promote inheritance of avoidance behavior isn't yet known.

Importantly, expression of daf-7 remains elevated in the ASI neurons of progeny for four generations, then returns to basal levels in the fifth generation, which is when the inherited avoidance behavior also disappears. As Murphy points out, although inheritance of avoidance behavior provides a survival advantage, it's also necessary for this avoidance behavior to eventually go away. That's because P. aeruginosa is only pathogenic at high temperatures; at lower temperatures, it's increasingly safe to eat, as are other Pseudomonas species. If the pathogenic threat is temporary, the eventual lapsing of inherited avoidance allows future generations to return to feasting on nutritious Pseudomonas.

Monday, 25 March 2019

Spiraling crystal is the key to exotic discovery....

Several of the hotly studied topological materials to date are known as topological insulators. Their surfaces are expected to conduct electricity with very little resistance, somewhat akin to superconductors but without the need for incredibly chilly temperatures, while their interiors -- the so-called "bulk" of the material -- do not conduct current.

Now, a team of researchers working at the Department of Energy's Lawrence Berkeley National Laboratory (Berkeley Lab) has discovered the strongest topological conductor yet, in the form of thin crystal samples that have a spiral-staircase structure. The team's study of crystals, dubbed topological chiral crystals, is reported in the March 20 edition of the journal Nature.

The DNA-like spiraling structure, or helicoid, in the crystal sample that was the focus of the latest study exhibits a chirality or "handedness" -- as a person can be either left-handed or right-handed, and the left hand is a mirror image of the right hand. Chiral properties in some cases can be flipped, like a left-handed person becoming a right-handed person.

"In this new work we are essentially proving that this is a new state of quantum matter, which is also exhibiting nearly ideal topological surface properties that emerge as a consequence of the chirality of crystal structure," said M. Zahid Hasan, a topological materials pioneer who led the materials theory and experiments as a visiting faculty scientist in the Materials Sciences Division at Berkeley Lab. Hasan is also the Eugene Higgins Professor of Physics at Princeton University.

A property that defines topological conductivity -- which is related to the electrical conductivity of the material's surface -- was measured to be about 100 times larger than that observed in previously identified topological metals.

This property, known as the surface Fermi arc, was revealed in X-ray experiments at Berkeley Lab's Advanced Light Source (ALS) using a technique known as photoemission spectroscopy. The ALS is a synchrotron that produces intense light -- from infrared to high-energy X-rays -- for dozens of simultaneous experiments.

Topology is a well-established mathematical concept that relates to the preservation of an object's geometrical properties even if an object is stretched or deformed in other ways. Some of its experimental applications in 3D electronic materials -- such as discovering topological behaviors in materials' electronic structures -- were only realized just over a decade ago, with early and continuing contributions by Berkeley Lab.

"After more than 12 years of research in topological physics and materials, I do believe that this is only the tip of the iceberg," Hasan added. "Based on our measurements, this is the most robust, topologically protected conductor metal that anybody has discovered -- it is taking us to a new frontier."

Topologically protected means that some of the material's properties are reliably constant even if the material is not perfect. That quality also bolsters the future possibility of practical applications and manufacturability for these types of materials.

Ilya Belopolski, a Princeton researcher who participated in both the theory and experimental work, noted that a particularly interesting property of the studied crystals -- which included cobalt-silicon and rhodium-silicon crystals -- is that they can produce an electrical current of a fixed strength when you shine a light on them.

"Our previous theories showed that -- based on the material's electronic properties that we have now observed -- the current would be fixed at specific values," he said. "It doesn't matter how big the sample is, or if it's dirty. It is a universal value. That's amazing. For applications, the performance will be the same."

In previous experiments at the ALS, Hasan's team had revealed the existence of a type of massless quasiparticles known as Weyl fermions, which had only been known to exist in theory for about 85 years.


The Weyl fermions, which were observed in synthetic crystals of a semimetal called tantalum arsenide, exhibit some similar electronic properties to those found in the crystals used in the latest study, but lacked their chiral traits. Semimetals are materials that have some metal and some non-metal properties.

Wednesday, 6 March 2019

आग की लपटें हमेंशा ऊपर की तरफ ही क्यों उठती हैं? उनपर गुरुत्वाकर्षण बल का कोई असर क्यों नहीं होता है?

ऐसा तीन वजहों से होता है ।
  1. तापमान
  2. घनत्व
  3. गुरुत्वाकर्षण बल
अग्नि की ज्वाला गैसों का मिश्रण है जो कि अत्यधिक गर्म होने के कारण दृश्यमान है , जैसे लोहा गर्म होने पर दृश्यमान होता है ।
अगर पानी में आप लकड़ी या प्लास्टिक डाल दे तो वह उत्प्लावन बल के प्रभाव से तैरेगी अर्थात पानी के ऊपर रहेगी क्योंकि उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम है और वह अपने वजन के बराबर पानी हटा देती है।
वही पत्थर डूब जाता है क्योंकि उसका घनत्व पानी से ज्यादा होता है और वह अपने वजन के बराबर पानी नही हटा पाता ।
यही उत्प्लावन बल का सिद्धांत अग्नि की ज्वाला पर भी काम करता है । अग्नि की ज्वाला के आस पास की गैसें गर्म होती है और हम सब जानते हैं कि गर्म गैसें हवा से हल्की होती है अर्थात उनका घनत्व हवा के घनत्व से कम होता है ।
( क्योंकि जब हवा गर्म होती है तब उनके अणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और उस वजह से उनके अणु दूर दूर हो जाते हैं इसलिए उनका घनत्व कम हो जाता है)
ये गैसें अपने स्वभाववश ऊपर उठती हैं और जब ज्वाला के आस पास की गैसें ऊपर उठती हैं तो अग्नि की ज्वाला भी ऊपर की ओर उठ जाती है । जब ज्वाला के पास की गैसें ऊपर चली जाती हैं तो गुरुत्वाकर्षण के कारण आस पड़ोस की ठंडी गैसें उस खाली जगह को भरने के लिए तेज़ी से आती हैं और इससे ज्वाला पतली और ऊपर की और तेजी से जलती है ।

आपको जानकर हैरानी होगी कि यदि नगण्य गुरुत्वाकर्षण में ज्वाला का अवलोकन किया जाए तो वह एक गोलक के रूप में होती हैं


जैसा कि चित्र में आप देख रहे हैं , ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वहां घनत्व का सिद्धांत काम नही करता और ज्वाला पर उत्प्लावन बल नही लगता।


Awesome Particle Physics Facts In Hindi

इंसानी दिमाग अपनी बुद्धि के जरिए बहुत कुछ खोज कर निकाल सकता है। प्राचीन काल से ले कर आज तक वह अपने बुद्धि-कौशल के जरिए तरह-तरह के अत्याधुन...